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India is one of the few countries where capital punishment is legal and is justified under the rarest of the rare doctrine. However, it is not just the execution in principle but the process of execution which matters. Discuss (10 Marks) ATTORNEY GENERAL OF INDIA-DUTIES AND FUNCTIONS
  • भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन में किया गया था
  • संविधान सभा का गठन के बिनेट मिशन योजना के प्रावधानों के अनुसार अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों की विधान सभाओं द्वारा नवम्बर 1946 में किया गया था.
  • संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जिनमें 292 प्रान्तों से तथा 93 देशी रियासतों से चुने जाने थे. 4 कमिशनरी क्षेत्रों से थे. प्रत्येक प्रान्त और देशी रियासत को अपनी जनसंख्या के अनुपात में स्थान आवण्टित किए गए थे. स्थूल रूप से 10 लाख की जनसंख्या के लिए एक स्थान का अनुपात रखा गया था. प्रत्येक प्रान्त के स्थानों की जनसंख्या के अनुपात में तीन प्रमुख सम्प्रदायों-मुस्लिम, सिख और साधारण में बाँटा गया.
  • प्रान्तीय विधान सभा में प्रत्येक समुदाय के सदस्यों ने एकल संक्रमणीय पद्धति से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार अपने प्रतिनिधियों का निर्वाचन किया.
  • देशी रियासतों से चयन की पद्धति परामर्श से तय की जानी थी.
  • 3 जून, 1947 की योजना के अधीन पाकिस्तान के लिए पृथक् संविधान सभा गठित की गई.
  • विभाजन के परिणामस्वरूप जो संविधान सभा पूर्व में अविभाजित भारत के लिए संगठित की गई थी, उसमें से कुछ सदस्य कम हो गए. 3 जून, 1947 की योजना के अधीन विभाजन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के लिए पृथक् संविधान सभा गठित की गई. बंगाल, पंजाब, सिन्ध, पश्चिमोत्तर सीमा प्रान्त (NWFP) और असम के सिलहट जिले (जो जनमत संग्रह द्वारा पाकिस्तान में सम्मिलित हुए थे) के प्रतिनिधि भारत की संविधान सभा के सदस्य नहीं रहे. पश्चिमी बंगाल और पूर्वी पंजाब के प्रान्तों में नए निर्वाचन किए गए. 31 अक्टूबर, 1947 को सभा की सदस्यता घटकर 299 रह गई. इन सदस्यों में से 26 नवम्बर, 1949 को कुल 284 सदस्य उपस्थित थे जिन्होंने संविधान पर हस्ताक्षर किए कुल महिला सदस्य संख्या 8 थी.
  • प्रथम बैठक का स्थान वर्तमान संसद भवन का केन्द्रीय कक्ष (नई दिल्ली)
  • संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को हुई थी.
  • प्रथम बैठक की अध्यक्षता डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा ने की थी तथा मुस्लिम लीग ने इसका बहिष्कार किया था
  • 11 दिसम्बर, 1946 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया.
  • संविधान सभा के प्रथम वक्ता डॉ. राधाकृष्णन.
  • श्री बी. एन. राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार पद पर नियुक्त किया गया.
  • 13 दिसम्बर, 1946 को जवाहर लाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत कर संविधान निर्माण का कार्य करना प्रारम्भ किया. यह प्रस्ताव संविधान सभा द्वारा 22 जनवरी, 1947 को पारित कर दिया.
  • कुल अधिवेशन-11, कुल बैठकें-165.
  • संविधान निर्माण के लिए विभिन्न समितियाँ जैसे-प्रक्रिया समिति, वार्ता समिति, संचालन समिति, कार्य समिति, संविधान समिति, झंडा समिति, संविधान समिति । आदि का निर्माण किया गया.
  • विभिन्न समितियों में से प्रमुख प्रारूप समिति (Drafting Committee), जोकि 19 अगस्त, 1947 को गठित की गई थी, के अध्यक्ष डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को बनाया गया. इस समिति के अन्य सदस्य थे-एन. गोपाल. स्वामी आयंगर, अल्लादि कृष्णा स्वामी अय्यर, मोहम्मद सादुल्ला, के. एम. मुंशी, बी. एल. मित्तर और डी. पी. खेतान. कुछ समय पश्चात् बी. एल मित्तर के स्थान पर एन. माधव राव को तथा डी. पी. खेतान की मृत्यु 1948 में हो जाने के पश्चात् टी. टी. कृष्णामाचारी को इस समिति में सम्मिलित कर लिया गया.
  • संविधान सभा की बैठक तृतीय वाचन (अन्तिम वाचन) के लिए 14 नवम्बर, 1949 को हुई. यह बैठक 26 नवम्बर, 1949 को समाप्त हुई. ?
  • 26 नवम्बर को विधि दिवस के रूप में मनाया जाता है.
  • 26 नवम्बर, 1949 को ही अन्तिम पारित संविधान पर सभापति तथा उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर हुए. इसी दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार कर लिया.
  • नागरिकता, निर्वाचन और अन्तरिम संसद से सम्बन्धित उपबन्धों को तथा अस्थायी एवं संक्रमण उपबंधों को 26 नवम्बर, 1949 से ही तुरन्त प्रभावी किया गया.
  • सम्पूर्ण संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया. 26 जनवरी, 1950 को भारत को गणतन्त्र घोषित किया गया इसलिए यही दिन प्रथम गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया गया.
  • डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया सविधान सभा को ही आगामी संसद के चुनाव तक भारतीय संसद के रूप में मान्यता प्रदान कर दी
  • संविधान सभा को कुछ विद्वान सम्प्रभु (Sovereign) नहीं मानते, क्योंकि इसका निर्माण ब्रिटिश सरकार की योजनानुसार हुआ था
  • सविधान निर्माण के पीछे मुख्य रूप से जवाहरलाल नेहरू सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, आचार्य जे बी. कृपलानी, टी. टी. कृष्णामाचारी एवं डॉ. बी. आर अम्बेडकर का मस्तिष्क था. कुछ प्रमुख व्यक्तियों ने डॉ बी आर अम्बेडकर को संविधान का पिता (Father of Consti-tution) कहा है भारतीय संविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है.
  • प्रस्तावना
  • भारतीय संविधान में प्रस्तावना या उद्देशिका (Preamble) के अतिरिक्त मूल संविधान में 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियाँ थीं. वर्तमान में संविधान में 395 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियाँ हैं.
  • संविधान की उद्देशिका में संविधान के ध्येय और उसके आदर्शों का संक्षिप्त वर्णन है.
  • प्रस्तावना संविधान का भाग है. केशवानंद भारती के वाद (1973) में इसे संविधान का अंग माना गया हैं. इसमें संविधान के अन्य उपबंधों की भाँति ही संशोधन किया जा सकता है, परन्तु यह न्याय योग्य नहीं है. हाँ, संविधान के किसी अन्य प्रावधान की अस्पष्टता की स्थिति में उसे स्पष्ट करने के लिए प्रस्तावना का आश्रय लिया जा सकता है. इन रि बेरुवारी यूनियन में प्रस्तावन को भाग नहीं माना गया था.
  • उद्देशिका में लिखित “हम भारत के लोग इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं” शब्द भारत के लोगों की सर्वोच्च संप्रभुता की घोषणा करते हैं
  • भारत को 26 जनवरी, 1950 को एक गणराज्य घोषित किया गया जिसका तात्पर्य है कि भारत का राष्ट्राध्यक्ष निर्वाचित होगा, आनुवशिक नहीं
  • • उद्देशिका को न्यायालय में प्रवर्तित नही किया जा सकता
  • जहाँ सविधान की भाषा संदिग्ध प्रतीत होती हो, वहाँ उद्देशिका की सहायता ली जा सकती है
  • उद्देशिका में समाजवादी’, ‘पथ निरपेवा, एवं ‘और अखंडता’ शब्द 1976 में 42वे सविधान सशोधन द्वारा जोडे गए हैं
  • उद्देशिका में सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतन्त्रात्मक गणराज्य, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, अभिव्यक्ति, धर्म, उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा तथा अवसर की समता, व्यक्ति की गरिमा, राष्ट्र की एकता और अखण्डता आदि प्रमुख शब्द प्रयोग किए गए हैं
  • समाजवादी शब्द का अभिप्राय राज्य समाजवाद अर्थात् सभी उत्पादन एवं वितरण के साधनों का राष्ट्रीयकरण नहीं है, अपितु गरीब एवं अमीर के मध्य दूरी को कम करना है, जैसाकि इन रि एक्सेल वियर में कहा गया
  • पंथ निरपेक्ष का अभिप्राय सरकार द्वारा सभी धर्मों का समान संरक्षण एवं सम्मान करना है.

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