अगस्त 1935 में ब्रिटिश संसद द्वारा भारत सरकार अधिनियम पारित किया गया था। यह उस समय ब्रिटिश संसद द्वारा अधिनियमित किया गया सबसे लंबा कार्य था। इसलिए, इसे दो अलग-अलग कृत्यों में विभाजित किया गया था, भारत सरकार अधिनियम 1935 और बर्मा अधिनियम 1935।
भारत सरकार अधिनियम, 1935 – पृष्ठभूमि
1.भारतीय नेताओं द्वारा भारत में संवैधानिक सुधारों की मांग बढ़ रही थी।
2.प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन को भारत का समर्थन, अपने देश के प्रशासन में अधिक भारतीयों को शामिल करने की आवश्यकता
३।अधिनियम आधारित था:
a.साइमन कमीशन की रिपोर्ट
b.गोलमेज सम्मेलनों की सिफारिशें
c.1933 में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रकाशित श्वेत पत्र (तीसरे गोलमेज सम्मेलन पर आधारित)
d.संयुक्त चयन समितियों की रिपोर्ट।
अधिनियम की मुख्या बातें –
- भारतीय संघ की स्थापना एवं प्रांतो को स्वशासन का अधिकार दिया गया ।
- शासन के सम्पूर्ण विषयो को तीन भागो- संघीय , प्रांतीय ,एवं समवर्ती में बाँट दिया गया ।वायसराय अवशिष्ट शक्तियों के साथ निहित था।
- संघ सरकार के लिए द्वैध शासन की व्यवस्था
- संघीय न्यायालय की स्थापना
- केंद्रीय बैंक की स्थापना
- इस अधिनियम ने पहली बार भारत में प्रत्यक्ष चुनाव शुरू किए।
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