Latest Post

Briefly explain the major provisions of the Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021. Also, highlight the social media intermediaries’ concerns regarding these rules After 62 years of signing the Indus waters treaty, India has moved to amend this treaty with Pakistan. Discuss the reasons for this pathbreaking intention of India to modify the treaty with implications on India-Pakistan relations further.

 राष्ट्रपिता : महात्मा गांधी 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 ई. को गुजरात के पोरबन्दर नामक स्थान पर हुआ था। इंग्लैण्ड में वकालत पास कर भारत आये फिर 1893 ई. में भारतीयों और अफ्रीकी अश्वेत लोगों पर हो रहे अत्याचार और रंगभेद की नीति के विरुद्ध उन्होंने आन्दोलन किया।

गांधीजी ने अंग्रेजों के खिलाफ “सत्य’ और ‘अहिंसा की नीति अपनाते हुए भारत को स्वतन्त्र कराने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। 1917 से 1947 तक के राष्ट्रीय आन्दोलन के काल को गांधी युग के नाम से जाना जाता है। सर्वप्रथम सुभाषचन्द्र बोस ने महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ नाम से सम्बोधित किया।

रवीन्द्र नाथ टैगोर ने सर्वप्रथम मोहनदास करमचन्द गांधी को ‘महात्मा’ कहा था। । पं. जवाहर लाल नेहरू ने सर्वप्रथम महात्मा गांधी को ‘बापू’ कहा था। ॥ विंस्टन चर्चिल ने सर्वप्रथम महात्मा गांधी को ‘अर्द्धनग्न फकीर कहा था।

राष्ट्रीय ध्वज : तिरंगा 

 भारतीय ध्वज (National Flag) को ‘तिरंगा’ के नाम से जाना जाता है। भारतीय संविधान सभा ने 22 जुलाई, 1947 को इसे राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ के रूप में अपनाया। इसे 14 अगस्त, 1947 को संविधान सभा के अर्द्ध-रात्रिकालीन अधिवेशन में राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस तिरंगे झण्डे में तीन आड़ी पट्टियाँ हैं। इस ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। इस ध्वज के बीच में नीले रंग का 24 तीलियों वाला अशोक चक्र है जो देश को धर्म और ईमानदारी से उन्नति की ओर ले जाने की प्रेरणा देता है। इसे सारनाथ स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है। इस ध्वज के सबसे ऊपर गहरा केसरिया रंग, जो साहस एवं बलिदान का प्रतीक है, मध्य में सफेद रंग, जो सत्य एवं शान्ति का प्रतीक है और सबसे नीचे हरा रंग, जिसे विकास, उर्वरता, विश्वास एवं शौर्य को प्रतीक माना जाता है। ॥

सर्वप्रथम 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान चौराहे पर हरा, पीला और लाल रंगों की आड़ी पट्टियों वाले तिरंगे ध्वज को राष्ट्र ध्वज के रूप में फहराया गया। 22 अगस्त, 1907 को जर्मनी के शहर स्टुटगार्ट में इण्टरनेशनल सोशलिस्ट काँग्रेस के सम्मेलन में मैडम कामा ने इसी ध्वज का कुछ परिवर्तित रूप फहराया।

आजादी के बाद देश के बाहर विदेशी जमीन पर पहली बार ऑस्ट्रेलिया में आधिकारिक रूप से तिरंगे झण्डे को फहराया गया। ॥ 29 मई, 1953 को पहली बार तिरंगा माउण्ट एवरेस्ट पर तेनसिंह नार्गे एवं सर एडमण्ड हिलेरी द्वारा फहराया गया। ॥ 1971 में अमेरिका के अपोलो-15 नामक अन्तरिक्ष यान द्वारा भारत का राष्ट्रीय झण्डा सबसे पहले अन्तरिक्ष में फहराया गया। ॥ 9 जनवरी, 1987 को कर्नल जे. के. बजाज ने दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगे को पहली बार फहराया था। 21 अप्रैल, 1996 को उत्तरी ध्रुव पर स्क्वाड्रन लीडर संजय थापर ने तिरंगे को फहराया। भु म्मू-कश्मीर एकमात्र ऐसा राज्य है जिसके झण्डे को राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराया जा सकता है। 5 अप्रैल, 1984 को भारत के प्रथम अन्तरिक्ष यात्री स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा तिरंगे को स्पेस सूट पर बैज के रूप में लगाकर अन्तरिक्ष में पहुंचे। II 15 नवम्बर, 2008 को भारत ने चाँद पर भी अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस प्रकार चाँद पर ध्वज फहराने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया है। इससे पूर्व अमेरिका, रूस तथा यूरोपीय अन्तरिक्ष एजेन्सी ने भी अपने ध्वज वहाँ फहराये हैं। ॥

26 जनवरी, 2002 को ‘ध्वज संहिता भारत का स्थान भारतीय ध्वज संहिता, 2002 ने ले लिया है। इसकी व्यवस्था के अनुसार अब आम नागरिक अपनी निजी संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं में सम्मानित तरीके से साल के किसी भी दिन ध्वजारोहण कर सकते हैं।

राष्ट्रीय गान (National Anthem)

जन-गण-मन-अधिनायक जय हे, भारत-भाग्य विधाता।
पंजाब-सिन्ध-गुजरात-मराठा, द्राविड़ उत्कल बंग।
विन्ध्य-हिमाचल-यमुना-गंगा, उच्छल जलधि-तरंग।
तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष माँगे।
गाहे तब जय गाथा। जन-गण-मंगलदायक जय हे, भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे। 

राष्ट्रीय गान जन-गण-मन की रचना रवीन्द्र नाथ टैगोर ने मूलरूप से बांग्ला भाषा में की थी। इसी राष्ट्रगान को भारतीय संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी, 1950 को अंगीकृत किया गया। इस गान को सर्वप्रथम 27 दिसम्बर, 1911 ई. में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। यह गान सर्वप्रथम 1912 ई. में ‘तत्त्वबोधिनी’ नामक पत्रिका में भारत भाग्य विधाता’ नामक शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। च राष्ट्रगान में 13 पंक्तियाँ हैं, जिसके गायन में 52 सेकण्ड का समय लगता है। ॥ रवीन्द्र नाथ टैगोर ने राष्ट्रीय गान का अंग्रेजी अनुवाद 1919 में “Morning Song of Indiaशीर्षक से किया था। ॥ गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही बांग्लादेश के राष्ट्रीय गान “आमार सोनार बांग्ला” की रचना की थी। 15 नवम्बर, 2010 को दूर संचार विभाग ने अपनी एक विज्ञप्ति के द्वारा राष्ट्रगान को ‘कॉलर ट्यून’ नहीं बनाने के निर्देश जारी किये।। ।

27 दिसम्बर, 2011 को राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन अधिनायक  के 100 वर्ष पूरे हो गये

राष्ट्रीय गीत

वन्दे मातरम्! सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज-शीतलाम्। शस्य श्यामलाम् मातरम्! वन्दे मातरम! शुभ्र ज्योत्सना, पुलकित यामिनीम्। फुल्ल कुसुमित दुमदल शोभिनीम्। सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्। सुखदाम् वरदाम् मातरम् ! वन्दे मातरम्।।

बंकिमचन्द्र चटर्जी द्वारा 1874 ई.में रचित वन्दे मातरम् नामक राष्ट्रीय गीत को संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी, 1950 को अपनाया गया।

उनका यह गान बंगाली भाषा में था। ॥ बंकिमचन्द्र चटर्जी ने इस गीत की रचना अपने उपन्यास ‘आनन्द मठ में 1882 ई. में की थी, जिसे ‘जन-गण-मन’ के समान दर्जा प्राप्त है। ॥ वन्दे मातरम् की रचना संस्कृत भाषा में है। ॥

सर्वप्रथम ‘वन्दे मातरम्’ नामक राष्ट्रीय गीत को 1896 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया। ॥ इस राष्ट्रीय गीत को कुल 1 मिनट पाँच सेकण्ड में गाया जाता है। इस राष्ट्रीय गीत की धुन पन्नालाल घोष ने तैयार की। ॥

वन्दे मातरम् का अंग्रेजी अनुवाद सर्वप्रथम ‘अरविन्द घोष ने किया, जबकि इसका अनुवाद ‘आरिफ मोहम्मद खान ने किया था। सर्वप्रथम 1927 में फाँसी के फन्दे पर झूलते हुए वन्दे मातरम् गाने वाले अशफाक उल्लाह खान थे। 

सर्वप्रथम 1927 में फाँसी के फन्दे पर झूलते हुए वन्दे मातरम् गाने वाले अशफाक उल्लाह खान थे।

ये वाक्य जानबूझ  कर रिपीट किया  गया है।

1949 ई. में मास्टर कृष्णराव ने राष्ट्रगीत को बैण्ड पर बजाने की धुन बनायी थी, जिनके

निर्देशन में मास्टर गणपत सिंह ने पहली बार इसे बजाया था।

IT B.B.C. World Service द्वारा वर्ष 2003 में किये गये अन्तर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण में ‘वन्दे मातरम्’ को विश्व के शीर्ष 10 राष्ट्रगीतों में दूसरे स्थान पर रखा गया है। इस सूची में पहला स्थान आयरलैण्ड के राष्ट्रीय गीत ‘A Nation Once Again’ को मिला।

राष्ट्रीय चिह्न : अशोक स्तम्भ 

भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1950 को सारनाथ में स्थित ‘अशोक स्तम्भ’ को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया। अशोक स्तम्भ में चार सिंह एक-दूसरे की तरफ पीठ किये हुए खड़े हैं। अशोक स्तम्भ के नीचे की ओर अंकित पट्टी के नीचे एक चक्र तथा दायीं ओर एक साँड और बायीं ओर एक घोड़ा अंकित दिखाई दे रहा है। अशोक स्तम्भ में नीचे की ओर देवनागरी लिपि में “सत्यमेव जयते’ अंकित है। जिसे मुण्डकोपनिषद् से लिया गया है।

* राष्ट्रीय चिह्न में दर्शाये गये पशुओं में घोड़ा अदम्य शक्ति, परिश्रम एवं गतिशीलता का द्योतक है। राष्ट्रीय चिह्न में दर्शाये गये पशुओं में सिंह साहस, शौर्य एवं निर्भीकता का प्रतीक है।राष्ट्रीय चिह्न में दर्शाये गये पशुओं में साँड भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था का द्योतक है।

राष्ट्रीय पंचांग : कैलेण्डर

सरकारी काम-काज के उद्देश्य से 22 मार्च, 1957 को राष्ट्रीय पंचांग को अपनाया गया। ग्रिगेरियन कैलेण्डर के अलावा भारतीय राष्ट्रीय पंचांग शक संवत् पर आधारित है। इसका पहला महीना ‘चैत्र’ अंग्रेजी (ग्रिगेरियन कलैण्डर) के 22 मार्च की तारीख से आरम्भ होता है। अन्तिम महीना ‘फाल्गुन है।                                                                       राष्ट्रीय पंचांग में क्रमशः 12 माह होते हैं-चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, अग्रहायण, पौष, मार्गशीर्ष, फाल्गुन। शक संवत् 78 ई. में शुरू हुआ था, जिसे कुषाण वंशीय शासक ‘कनिष्क ने प्रारम्भ किया था।

राष्ट्रीय शु : बाघ (Tiger) 

भारत का राष्ट्रीय पशु ‘बाघ’ (पैंथरा टाइग्रिस लिन्नायस) है, जो पीले रंग और धारीदार लोमचर्म वाला एक पशु है। इसकी आठ प्रजातियों में से भारत में पायी जाने वाली प्रजाति को “रायल बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता है। 1972 में बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु चुना गया। इसको अपनी शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती और अपार शक्ति के कारण राष्ट्रीय पशु कहलाने का गौरव हासिल हुआ है।

देश में बाघों की घटती संख्या को देखते हुए अप्रैल, 1973 में भारत सरकार ने ‘बाघ परियोजना’ (Project Tiger) की शुरुआत की।

मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को ‘शेर-ए-मैसूर भी कहा जाता था, जिसके शासनकाल में ‘बाघ’ उनके प्रतीक चिह्न के रूप में अपनाया गया था।

बाघ परियोजना के अन्तर्गत देश में अब तक 39 बाघ राष्ट्रीय उद्यान तथा अभयारण्य स्थापित किये जा चुके हैं, जिनका क्षेत्रफल 37,761 वर्ग किमी है।

भारत में केवल गुजरात में सिंह हैं, इसीलिए सिंह को राष्ट्रीय पशु (National Animal)का दर्जा वापस ले लिया गया। 1967 तक भारत का राष्ट्रीय पशु सिंह था।

राष्ट्रीय पक्षी: मयूर(Peacock) 

भारत सरकार ने 1963 ई. में ‘मयूर (पावो क्रिस्टेसस)को ‘राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। हंस के आकार के इस रंगबिरंगे पक्षी की गर्दन लम्बी, आँख के नीचे सफेद निशान और सिर पर पंख के आकार की कलंगी होती है। मादा मयूर का रंग भूरा होता है। मादा मयूर की अपेक्षा नर मयूर अत्यधिक सुन्दर होता है। नर मयूर अपने पंखों को फैलाकर नृत्य से बड़ा ही आकर्षण दृश्य पैदा करता है।                                                                  भारतीय वन्य प्रणाली (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 के अन्तर्गत इसे पूर्ण संरक्षण प्राप्त है। सिकन्दर महान् मोर की सुन्दरता से प्रभावित होकर ‘भारत विजय की निशानी के रूप में इसे अपने साथ ले गया था।                                                                             **  भारत से पूर्व म्यांमार भी ‘मयूर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर चुका था।

I 1963 में मोर को राष्ट्रीय पक्षी की मान्यता के बाद इसे मारना कानूनन अपराध घोषित

किया गया। 9 भारतीय पुराण के अनुसार मोर सुब्रह्मण्य का वाहन है।

राष्ट्रीय पुष्प : कमल (Lotus) 

भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल’ (नेलम्बो न्यूसिपेरा गार्टन) है। इसका प्राचीन भारतीय कला और पुराणों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्राचीनकाल से ही इसे भारतीय संस्कृति

का मांगलिक प्रतीक माना जाता रहा है। ॥ इसका विवरण विष्णु पुराण तथा पद्म पुराण

में मिलता है। ब्रह्मा, सरस्वती, लक्ष्मी-इन देवी

देवताओं की स्थिति कमल में है।

राष्ट्रीय वृक्ष : रगद (Banyan Tree) 

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष ‘बरगद’ (फाइकबेंघालेंसिस) है। यह एक बहुवर्षीय विशाल घना एवं फैला हुआ वृक्ष होता है। यह हिन्दुओं का पवित्र वृक्ष भी है। इसकी शाखाएँ दूर-दूर तक कई एकड़ क्षेत्र में फैली हुई होती हैं।जनवरी से मार्च तक का समय बरगद का पुष्पकाल है। बरगद जितनी गहरी जड़ें किसीऔर वृक्ष की नहीं होती हैं।

राष्ट्रीय फल : आम (Mango) 

भारत का राष्ट्रीय फल ‘आम’ (मेनिगिफेरा इण्डिका) है। भारत में आम पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर लगभग सभी स्थानों पर पैदा होता है। भारत में आम की अनेक किस्में पायी जाती हैं। आम में विटामिन ए, सी और डी प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। । भारत में आम को फलों का राजा माना जाता है। II वेदों में आम को विलासिता का प्रतीक माना गया है। ॥ आम को पाकिस्तान और फिलीपीन्स में भी राष्ट्रीय फल माना जाता है। ॥ चार हजार वर्ष पूर्व भारत में ही सबसे पहले आम के पेड़ की बागवानी शुरू की गई थी। । भारत में सबसे पहला उत्पादित कलमी आम मालगोवा है। वर्तमान में भारत में 500 से अधिक किस्म के आम पाये जाते हैं।

राष्ट्रीय खेल हॉकी (Hockey) 

भारत का राष्ट्रीय खेल ‘हॉकी है। इसमें 11-11 खिलाड़ियों की दो टीमें खेल में भाग लेती हैं। हॉकी में प्रयुक्त सफेद गेंद का वजन 155 ग्राम होता है तथा का हॉकी स्टिक (छड़ी) 91 सेण्टीमीटर लम्बी होती है। हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचन्द के जन्म दिवस 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

* भारत ने ओलम्पिक हॉकी में 8 बार स्वर्ण पदक जीते हैं।1928 के एमस्टर्डम ओलम्पिक में भारत ने नीदरलैण्ड को 3-0 से हराकर पहला स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद 1956 तक लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते। | HOCKEY INDIA तदुपरान्त 1964 और 1980 में दो स्वर्ण पदक जीते थे। हॉकी इण्डिया ने 23 जुलाई, 2009 को नया ‘लोगो’ अनावरित किया है जो राष्ट्रीय ध्वज के अशोक चक्र से प्रेरित है जो इसमें 24 हॉकी स्टिकें एक पहिये के रूप में सजी हुई हैं।

राष्ट्रीय नदी : गंगा (Ganga) 

भारत सरकार द्वारा नवम्बर, 2008 में गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया है। यह नदी गंगोत्री हिमनद के गोमुख नामक स्थान से निकलती है और लगभग 2500 किमी लम्बी है। इसकी सहायक नदियाँ यमुना, सोन, टोंस, पुनपुन,गोमती, घाघरा,गण्डक, कोसी और महानन्दा हैं।

गंगा नदी उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल आदि भारतीय प्रदेशों में होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती हुई अन्त में बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है।     गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए 2009 में ‘राष्ट्रीय गंगा बेसिन प्राधिकरण का गठन किया गया।

राष्ट्रीय जलीय जीव : डॉल्फिन (Dolphin)                                                         10 मई, 2010 को भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मन्त्रालय ने डॉल्फिन’ को ‘राष्ट्रीय जलीय जीव’ (National Acquatic Animal) घोषित किया है। केन्द्र सरकार ने गंगा में डॉल्फिन की संख्या बढ़ाने के लिए ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ को भी ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की तरह महत्त्वपूर्ण माना है। विश्व के ताजे पानी के केवल चार क्षेत्रों में डॉल्फिनें पाई जाती हैं। भारत में गंगा एवं चम्बल नदी के अलावा पाकिस्तान में सिन्धु नदी में ‘फूला’ चीन में यांगत्जेनदी में ‘बाजी और ब्राजील के अमेजन नदी में बोटो नाम से डॉल्फिन की प्रजाति पाई जाती है। II गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन दृष्टिहीन होती है। इनकी आँखों में लेंस नहीं होते हैं।  मादा डॉल्फिन की लम्बाई नर डॉल्फिन से अधिक होती है।डॉल्फिन का उल्लेख ‘महाभारत’ एवं ‘बाबरनामा’ में भी मिलता है।

                              राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक:  

भारतीय रुपये का अलग पहचान चिह्न निर्धारित करने के लिए 15 जुलाई, 2010 को नया प्रतीक र देवनागरी लिपि के ‘आर’ (R) को मिलाकर बनाया गया है। भारतीय मुद्रा विश्व की पाँचवीं ऐसी मुद्रा है जिसका अपना अलग पहचान चिह्न(र) है।                                      इसके पूर्वअमरीकीडॉलर,ब्रिटिशपाउण्ड, जापानी येन एवं यूरोपीय यूरो का अपना अलग पहचान चिह्न है।                                                                                            मुम्बई आई. आई.टी. के पोस्ट ग्रेजुएट डिजाइनर उदय कुमार ने इस भारतीय राष्ट्रीय मुद्रा को डिजाइन किया।राष्ट्रीय मुद्रा का यह प्रतीक देवनागरी के अक्षर र और रोमन अक्षर R का मिला-जुला रूप है। देवनागरी के अक्षर र को बीच में एक रेखा काटती है जो तिरंगे का प्रतिनिधित्व करती है। इसका मतलब समानता भी है।

राष्ट्रीय स्मारक: इण्डिया गेट (India Gate)    इण्डिया गेट भारत का राष्ट्रीय स्मारक (National Monument) है। यह देश के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में शामिल है। इण्डिया गेट देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है। इसे उन 90,000 सैनिकों की याद में 1931 में बनाकर तैयार किया गया जो प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में ब्रिटिश सेना की तरफ से लड़े थे। ॥ 10 फरवरी, 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट ने अखिल भारतीय युद्ध स्मारक, जो इण्डिया गेट कहलाता है, की नींव डाली थी। ॥ इण्डिया गेट का डिजाइन सर एडविन लुटियन्स ने तैयार किया था। ॥ पहले इण्डिया गेट को ‘ऑल इण्डिया वॉर मेमोरियल’ कहा जाता था। 26 जनवरी, 1972 को इण्डिया गेट मेहराब के नीचे दिसम्बर, 1971 के भारत-पाक युद्ध में मारे गये भारतीय जवानों के प्रति राष्ट्र की श्रद्धांजलि के रूप में एक और स्मारक ‘अमर जवान ज्योति जोड़ दिया गया। यह ज्योति शहीदों की याद में सदा प्रज्वलित रहती है।

राजभाषा: हिन्दी      संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी भारत की राजभाषा (Official Language) है। संविधान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इसके साथ शासकीय कार्यों के लिए अंग्रेजी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में पहले चौदह भाषाएँ शामिल की गयी थीं, परन्तु अब 22 भाषाएँ हैं

  1. हिन्दी
  2. मलयालम
  3. बंगाली 4. असमिया
  4. तमिल
  5. 6. तेलुगू मराठी
  6. उड़िया
  7. पंजाबी 10. संस्कृत
  8. सिन्धी
  9. गुजराती 13. कश्मीरी
  10. उर्दू
  11. कन्नड़ 16. कोंकणी
  12. मणिपुरी
  13. नेपाली 19. डोगरी
  14. 20. बोडो
  15. सन्थाली 22. मैथिली
  16. भारत का प्रथम राजभाषा आयोग 1955 में बी. जी. खेर की अध्यक्षता में गठित किया गया।                                                                                             राष्ट्रीय विरासत पशु : हाथी (Elephant)                                                  22 अक्टूबर, 2010 को भारत सरकार ने एशियाई हाथी को ‘राष्ट्रीय विरासत पशु’ (National Heritage Animal) घोषित किया। सरकार ने वन्य क्षेत्रों में रहने वाले हाथियों के संरक्षण के लिए फरवरी, 1992 में ‘प्रोजेक्ट एलिफेण्ट (हाथी परियोजना) की शुरुआत की थी।

हाथी के साक्ष्य सर्वप्रथम सिन्धु घाटी सभ्यता’ की मुहरों पर मिलते हैं।                              वैदिक देवता इन्द्र ऐरावत नामक हाथी को अपने वाहन के रूप में उपयोग करते थे। राजस्थान के प्रसिद्ध आमेर किला (जयपुर) के पास ‘कुण्डा गाँव को 20 जून, 2010 को देश का पहला ‘हाथी गाँव घोषित किया है, जो विश्व का तीसरा हाथी गाँव है।              न्य राष्ट्रीय प्रतीक ॥ राजभाषा हिन्दी ॥ राष्ट्रीय लिपि देवनागरी ॥ राष्ट्रीय पर्व गणतन्त्र दिवस (26 जनवरी), स्वतन्त्रता दिवस (15 अगस्त), गांधी जयन्ती

(2 अक्टूबर)। पञ्च राष्ट्रीय दस्तावेज—श्वेत पत्र ॥ राष्ट्रीय योजना-पंचवर्षीय योजना  राष्ट्रीय मन्त्र—ओ३म् । राष्ट्रीयता भारतीय

राष्ट्रीय वाक्य—सत्यमेव जयते – सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार—भारत रत्न ॥ राष्ट्रीय मिठाई जलेबी

राष्ट्रीय विदेश नीति-गुट-निरपेक्ष  राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक ₹ (रुपया)


 

Leave a Reply

error: Content is protected !!