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Briefly explain the major provisions of the Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021. Also, highlight the social media intermediaries’ concerns regarding these rules After 62 years of signing the Indus waters treaty, India has moved to amend this treaty with Pakistan. Discuss the reasons for this pathbreaking intention of India to modify the treaty with implications on India-Pakistan relations further.

INTRODUCTION-

बिहार  की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार के इतिहास से सम्बंधित प्रश्न अवश्य ही रहता है ।

व्यक्तिगत रूप से सभी लोग इस बात से सहमत होंगे।

राज्य-विशिष्ट जानकारी BPSC के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह BPSC प्रारंभिक परीक्षा के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में अच्छे अंक ला सकता है, जहाँ परिणाम एक अंक के साथ बदल सकता है।

बिहार के इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था और संस्थानों के बारे में बहुत सारी जानकारी है, जो बीपीएससी प्रारंभिक और बीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिक हैं।

bpsc अंकेक्षण अधिकारी बहाली


बिहार की ऐतिहासिक विरासत

 

भारत के प्रमुख राज्यों में बिहार कई कारणों से अग्रगण्य है । भारत का पूर्व – ऐतिहासिक चरण लगभग ,100,000 ई0 पू 0 तक माना जाता है । इस  अवधि में बिहार का योगदान महत्वपूर्ण रहा है और इससे सम्बंधित ऐतिहासिक और पूर्व- ऐतिहासिक स्थल बिहार में बिखड़े पड़े है ।

राजनैतिक सीमा:- बिहार राज्य के निर्माण के विभिन्न चरण

  • बिहार की भौगोलिक क्षेत्र की चर्चा सर्वप्रथम शतपथ ब्राह्मण साहित्य में मिलती है ।
  • तेरहवी सदी की रचना तबकात- ए – नासिरी में सर्वप्रथम बिहार का एक क्षेत्र के रूप में नामकरण हुआ है ।
  • 1580 में अकबर ने इसे एक प्रान्त के रूप में संगठित किया ।
  • उसके बाद यह बंगाल प्रान्त का भाग बना । अठारहवीं सदी में यह क्षेत्र बंगाल के नवाब के अधीन आ गया ।
  • डॉ 0 सच्चिदानंद सिन्हा एवं महेश नारायण , नन्द किशोर लाल तथा श्री कृष्णा सहाय के साथ मिलकर जनुअरी 1894 से पटना से ‘ बिहार टाइम्स ‘ निकालना प्रारम्भ किया । इस अख़बार के माध्यम से बिहार पृथक्करण की भावना तेजी से फैलाई जाने लगी ।  डॉ 0 सच्चिदानंद सिन्हा एवं नन्द किशोर लाल ने गया की स्थानीय संस्थाओ की और से बंगाल के तत्कालीन उपराज्यपाल एलेग्जेंडर मैकेंज़ी को बिहार को बंगाल से अलग करने की मांग का एक ज्ञापन पत्र सौपा ।
  • 1906 में राजेंद्र बाबू ने डॉ सच्चिदानंद सिन्हा एवं अन्य नेताओ से विचार विमर्श करने के बाद पटना में एक विशाल ” बिहारी छात्र सम्मलेन ” करवाया
  • 1908 में बिहार प्रादेशिक सम्मेलन का पहला अधिवेशन पटना में आयोजित हुआ ।  इस  अधिवेशन में मोहम्मद फखुद्दीन द्वारा बिहार को बंगाल से पृथक कर  एक नया प्रान्त बनाने का प्रस्ताव रखा ।
  • बिहार प्रादेशिक सम्मलेन का दूसरा अधिवेशन भागलपुर में हुआ
  • 1908 में नवाब सरफ़राज़ हुसैन खान की अध्यक्षता में आयोजित सभा में बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति का गठन हुआ । हसन इमाम बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के पहले अध्यक्ष चुने गए ।
  • 12 दिसंबर 1911 को दिल्ली में शाही दरबार का आयोजन हुआ जहाँ सम्राट जॉर्ज पंचम ने बिहार और ओडिशा को मिलकर एक नए प्रान्त बिहार के गठन की घोषणा की । बिहार प्रान्त के गठन का प्रस्ताव कांग्रेस के इलाहबाद अधिवेशन में 1911 के दिसंबर में तेज बहादुर सप्रू ने प्रस्तुत किया और उसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया ।
  • 1 अप्रैल 1912 को बिहार और उड़ीसा दोनों ही क्षेत्रो को एक परिषद् उपराज्यपाल के अधीन  कर दिया गया । जबकि बिहार प्रान्त का गठन 22 मार्च 1912 को किया गया था इसी आधार पर आज भी 22 मार्च को #बिहार दिवस के रूप में मनाया जाता है ।1935 के अधिनियम के अंतर्गत 01 अप्रैल 1936 को उड़ीसा को अलग प्रान्त बनाया और शेष क्षेत्र बिहार बना ।
  • 1956 में भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के क्रम में पुरुलिया और पूर्णिया का कुछ क्षेत्र बगल को दे दिया गया ।
  • बिहार राज्य का अंतिम विभाजन 15 नवंबर 2000 को हुआ जब बिहार से झारखण्ड को अलग कर उसे देश का 28 वा राज्य बनाया गया

अगर आपको कुछ सुझाव देना हो तो कमेंट में जाकर दे सकते है , आपके  सुझाव का हम स्वागत करते है ।

 

 

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